वैज्ञानिकों ने एक अनोखी मधुमक्खी बनायी है. यह दुनिया के सबसे हल्के मस्तिष्क नियंत्रक से लैस पहली साइबोर्ग मधुमक्खी है. यह साइबोर्ग मधुमक्खी एक जीवित मधुमक्खी है, जिसमें कुछ कृत्रिम तकनीक को जोड़ा गया है. वैज्ञानिकों द्वारा केवल 74 मिलीग्राम वजनी डिवाइस के इलेक्ट्रॉनिक संकेतों से मधुमक्खी की उड़ान को नियंत्रित किया गया. परीक्षणों में इस मधुमक्खी ने 90 प्रतिशत मामलों में सही दिशा में उड़ान भरी. यह शोध चीन के बीजिंग इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा किया गया है. |
मधुमक्खी में लगे इस छोटे डिवाइस में तीन सुइयां होती हैं, जो मधुमक्खी के मस्तिष्क में प्रवेश करके उसमें भ्रम पैदा करती हैं. इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वाइब्रेशन से उसे बायें मुड़ने, दायें जाने या आगे-पीछे उड़ने का आदेश दिया जाता है. चीन के वैज्ञानिकों ने अलग-अलग वाइब्रेशन का परीक्षण कर यह देखा कि कौन-सा संकेत कौन-सी हरकत कराता है. यह डिवाइस बेहद पतला, लचीला और हल्का है, जिसे कीट के पंखों जैसा बनाया गया है, जिसमें इन्फ्रारेड रिमोट और माइक्रोचिप्स भी लगे हैं. यह डिवाइस टोही, जासूसी और राहत कार्यों के लिए ज्यादा उपयोगी है. साइबोर्ग मधुमक्खियों को छोटे, दुर्गम स्थानों में भेजा जा सकता है, जैसे कि भूकंप के मलबे में या इमारतों के अंदर और वहां से जानकारी इकट्ठा की जा सकती है. वैज्ञानिकों के अनुसार, वह आने वाले समय में बैटरी का वजन घटा कर इसे वायरलेस बनाने पर काम करेंगे. मधुमक्खी बिना रुके लगभग 5 किलोमीटर तक उड़ सकती है, जो इसकी रेंज को खास बनाता है.



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